काली नदी सफाई हेतु जुटेंगे ग्रामीण – दो अक्टूबर से प्रारम्भ होगा सफाई कार्य
नीर फाउंडेशन पिछले करीब एक दशक से गंगा की प्रमुख सहायक नदी काली पूर्वी के सुधार हेतु प्रयासरत है। यह नदी मुजफ्फरनगर जनपद से प्रारम्भ होकर मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, एटा फरूर्खाबाद, कासगंज तथा अंत में कन्नौज जनपद में जाकर गंगा नदी में समाहित हो जाती है। इस नदी की कुल लम्बाई करीब 500 किलोमीटर है तथा इसके दोनों ओर करीब 1200 गांव बसे हुए हैं।
नीर फाउंडेशन द्वारा रिसर्च एण्ड रिलीफ सहित विभिन्न संगठनों के सहयोग से आगामी एक अक्टूबर से नदी सफाई का वृहद कार्यक्रम प्रारम्भ करने जा रहा है। इस कार्यक्रम को पांच चरणों में विभाजित किया गया है। नदी सेवा का यह पहला चरण होगा। पहले चरण में किला परीक्षितगढ़ रोड़ पर भावनपुर-गांवड़ी के निकट काली नदी की सफाई का कार्य प्रारम्भ किया जाएगा। प्रत्येक चरण में सफाई हेतु नदी की दूरी पांच किलोमीटर तय की गई है। काली नदी को लेकर दो स्तरों से कार्य प्रारम्भ किया जा रहा है। पहले स्तर में उद्गम स्थल मुजफ्फरनगर जनपद के अंतवाड़ा गांव में करीब 150 हेक्टेयर की झील का निर्माण करना व मुजफ्फरनगर जनपद में नदी की कुल दूरी 14 किलोमीटर को साफ करना है, जबकि दूसरे स्तर में मेरठ जनपद में नदी के प्रारम्भ से लेकर मेरठ की सीमा से नदी के बाहर निकलने तक करीब 25 किलोमीटर की दूरी का साफ करना है। एक अक्टूबर से प्रारम्भ हो रहे नदी सफाई के इस कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संगठनों, किसानों, छात्रों व विषय विशेषज्ञ शामिल होंगे। यह कार्यक्रम स्थानीय प्रशासन के सहयोग से प्रारम्भ किया जाएगा।
गौरतलब है कि नीर फाउंडेशन द्वारा डब्ल्यू डब्ल्यू एफ के सहयोग से नदी का तकनीकी अध्ययन किया जा चुका है। इस अध्ययन को तत्कालीन केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा सुधार मंत्राल की मंत्री सुश्री उमा भारती को सौंपा गया था। उस रिपोर्ट के आधार पर ही इसको नमामि गंगे योजना में शामिल किया गया था। इसके अतिरिक्त नदी किनारे के गांवों में भूजल के प्रदूषित हो जाने के परिणामरूपरूप वहां पनप रही गंभीर जानलेवा बीमारियों का एक सर्वे कराकर पूर विषय को माननीय राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के समक्ष रखा गया था। माननीय राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने सरकार को आदेशित किया था कि नदी किनारे के सभी गांवों के हैण्डपम्पों के पानी के नमूनों का परीक्षण कराकर प्रदूषित पानी देने वाले हैण्डपम्पों को उखाड़ कर गांव में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की जाए। नदी के उद्गम पर झील बनाने की पहल भी संगठन द्वारा जुलाई माह में प्रारम्भ की गई थी।
दो अक्टूबर से प्रारम्भ होने वाले नदी सेवा के कार्य में उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व डीजीपी श्री आर एन सिंह, मेरठ के सांसद श्री राजेन्द्र अग्रवाल, किठौर विधायक श्री सत्यवीर त्यागी, लोकदल के जिलाध्यक्ष श्री राहुल देव, रिसर्च एण्ड रिलीफ सोसाइटी के निदेशक श्री नवीन प्रधान, गांव-100 समूह के श्री राजीव त्यागी, नेहरू युवा केंद्र, सेवा भारती, नारायण फाउंडेशन, कदम फाउंडेशन, सारथी सोसाइटी, अरूणोदय, सिविल डिफेंस, आर्य समाज, शांतिकुन्ज, रोटरी क्लब, बीडीएस इंस्टीटयूट के छात्रों सहित बड़ी संख्या में गांवड़ी, छिलौरा, भावनपुर व औरंगाबाद आदि गांवों के किसान व स्वयं सेवक भाग लेंगे।
नदी सेवा की खास बातें :
1. एक अक्टूबर से लगातार चलेगा सफाई कार्यक्रम
2. मुजफ्फरनगर से हापुड़ की सीमा में प्रवेश करने तक नदी सफाई का होगा प्रयास
3. सरकार व नेशनल गंगा विकास प्राधिकरण के नुमाइंदे होंगे शामिल
4. सरकार व समाज के सामुहिक प्रयास से होगा कार्य
5. किसान, सामाजिक कार्यकर्ता व छात्र होंगे शामिल
6. पांच चरणों में होगा कार्य पूर्ण
7. पहले चरण में पांच किलोमीटर नदी की होगी सफाई